क्या विश्व युद्ध तीसरा शुरू होने वाला है? ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच बढ़ता तनाव

 

विश्व युद्ध  तीसरा   (World War III) एक बार फिर चर्चा में है। इसका कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर लगाए गए गंभीर आरोप हैं। ट्रंप ने ज़ेलेंस्की परविश्व युद्ध तीसरा  से खेलनेका आरोप लगाया, जिससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। इस विवाद के कारण ज़ेलेंस्की बीच में ही बैठक से बाहर निकल गए।

 अमेरिकी सीनेटर जेडी वेंस ने भी रूस-यूक्रेन युद्ध को कूटनीति (diplomacy) के ज़रिए खत्म करने की वकालत की। जब ज़ी मीडिया ने उनसे पूछा कि "कौन सी कूटनीति?", तो उन्होंने 2019 के शांति समझौते का ज़िक्र किया, जिसे रूस ने तीन साल बाद तोड़ दिया था। वेंस ने ज़ेलेंस्की पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मीडिया के सामने "मामले को खींच" रहे हैं और गंभीरता से सहयोग नहीं कर रहे। 

 डोनाल्ड ट्रंप वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को मध्यस्थता कर रहे हैं। इस वार्ता का एक प्रमुख हिस्सा अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज समझौता था, जिसके तहत अमेरिका को यूक्रेन के तेल, गैस और दुर्लभ खनिजों तक पहुंच मिलती। यह समझौता अमेरिका और यूक्रेन के बीच आर्थिक सहयोग को मज़बूत करता। 

  ज़ेलेंस्की बिना किसी समझौते पर हस्ताक्षर किए बैठक से बाहर चले गए। इस कदम ने ट्रंप और वेंस को नाराज़ कर दिया। ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर विश्व युद्ध III भड़काने का आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने किसी भी शांति समझौते में रुचि नहीं दिखाई। 

 अमेरिकी जनता ट्रंप के इस पूरे मामले को संभालने के तरीके से नाखुश नज़र रही है। कुछ लोग मानते हैं कि यह पूरी कूटनीति सिर्फ अमेरिका के आर्थिक हितों को साधने के लिए की जा रही है, जबकि अन्य इसे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के एकमात्र उपाय के रूप में देखते हैं। 

 यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा यह तनाव अब एक वैश्विक संकट का रूप ले रहा है। अगर कोई ठोस शांति समझौता नहीं हुआ, तो यह विवाद और गहरा सकता है और विश्व युद्ध III का खतरा वास्तविक हो सकता है। अब सबकी नजरें आने वाले फैसलों और राजनीतिक घटनाक्रमों पर टिकी हैं। 

 हालांकि वर्तमान स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन अभी भी शांति की गुंजाइश बाकी है। इतिहास गवाह है कि सबसे कठिन समय में भी कूटनीति ने रास्ता निकाला है। अगर सभी पक्ष खुले मन से वार्ता को आगे बढ़ाते हैं, तो एक स्थायी समाधान संभव है। 

 डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वैश्विक नेताओं के पास यह अवसर है कि वे शांति की दिशा में ठोस कदम उठाएं और युद्ध की आशंका को टालें। अमेरिका, यूक्रेन और रूस के बीच सही संतुलन बनाकर एक ऐसा समझौता किया जा सकता है, जो केवल इस युद्ध को समाप्त करेगा, बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी बढ़ावा देगा। 

 आशा की किरण यह है कि जब तक बातचीत के द्वार खुले हैं, तब तक युद्ध को टाला जा सकता है। अब यह नेताओं पर निर्भर करता है कि वे अहंकार और आर्थिक लाभ से ऊपर उठकर शांति के लिए काम करें। अगर यह संभव हुआ, तो यह सिर्फ यूक्रेन और रूस, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक जीत होगी। 

 

 

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