ब्रेकिंग न्यूज़: निर्देशक भारतीराजा के पुत्र अभिनेता मनोज भारतीराजा का 48 वर्ष की आयु में निधन

 

तमिल सिनेमा के प्रसिद्ध निर्देशक भारतीराजा के पुत्र और अभिनेता-निर्देशक मनोज भारतीराजा का 25 मार्च 2025 को चेन्नई स्थित अपने चेपक निवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 48 वर्ष के थे।

मनोज भारतीराजा का करियर और योगदान: मनोज ने अपने पिता के निर्देशन में बनी फिल्म 'ताज महल' (1999) से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने 'समुधिरम' (2001), 'कदल पुक्कल' (2001), 'अल्ली अर्जुन' (2002), 'वरुषमेल्लम वसंतम' (2002), 'ईश्वरन' (2021), और 'वीरुमन' (2022) जैसी फिल्मों में काम किया। अभिनय के अलावा, उन्होंने निर्देशन में भी हाथ आजमाया और 2023 में 'मार्गाझी थिंगल' फिल्म का निर्देशन किया।

अचानक निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर: मनोज हाल ही में बाईपास सर्जरी के बाद अपने घर पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे। मंगलवार शाम को उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी अश्वथी उर्फ नंदना और दो बेटियां, अर्शिता और मथिवथानी हैं।

सिनेमा जगत की श्रद्धांजलि: मनोज के अचानक निधन से तमिल फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। अभिनेता विजय, सूर्या, कार्थी, निर्देशक कार्तिक सुब्बाराज, अभिनेता प्रभु, राजनेता सीमैन और गीतकार वैरामुथु सहित कई हस्तियों ने उनके निवास पर पहुंचकर अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।

अभिनेता कमल हासन ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा, "अभिनेता और मेरे प्रिय मित्र, निर्देशक भारतीराजा के पुत्र मनोज भारतीराजा के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। मैं भारतीराजा, उनके परिवार और मित्रों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की संवेदनाएं: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी मनोज के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं।मनोज भारतीराजा का असामयिक निधन तमिल सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

मनोज भारतीराजा की विरासत हमेशा जीवित रहेगी: मनोज भारतीराजा ने अपने करियर में अपने अभिनय और निर्देशन से सिनेमा प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाई। उनके कार्यों और फिल्मों के जरिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। भले ही वह हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी कला, उनकी प्रेरणादायक यात्रा और उनका योगदान तमिल सिनेमा के सुनहरे पन्नों में दर्ज रहेगा। उनके चाहने वालों के लिए वह सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक प्रेरणा थे, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई। मनोज भारतीराजा की यादें, उनकी फिल्मों के जरिए हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों को इस कठिन समय में शक्ति मिले, यही प्रार्थना है।

 

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