प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रयागराज स्थित प्रसिद्ध लेटे हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान दोनों ने भगवान हनुमान के समक्ष श्रद्धापूर्वक प्रार्थना की और देश व दुनिया की खुशहाली की कामना की।
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक अपनी भारत यात्रा के तहत उत्तर प्रदेश पहुंचे थे। वह लखनऊ हवाई अड्डे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रयागराज के लिए रवाना हुए। प्रयागराज पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद दोनों ने लेटे हनुमान मंदिर में दर्शन किए और पूजा-अर्चना की।
प्रयागराज स्थित लेटे हनुमान मंदिर भक्तों के बीच अत्यंत प्रसिद्ध है। यह मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है और मान्यता है कि यहां स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी। इस मंदिर में हनुमान जी की लेटी हुई मुद्रा में प्रतिमा स्थापित है, जो इसे अन्य हनुमान मंदिरों से अलग बनाती है। भक्तों का मानना है कि यहां पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की यह भारत यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्होंने इस यात्रा के दौरान भारत की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक स्थलों का दौरा किया है। प्रयागराज में लेटे हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद राजा ने कहा कि उन्हें यहां आकर अत्यंत शांति और आनंद की अनुभूति हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूटान के राजा का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें प्रयागराज की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी दी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और भूटान के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध हैं, जिन्हें और मजबूत करने की आवश्यकता है।
भूटान और भारत के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और सद्भावना की भावना हमेशा से रही है। राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की यह यात्रा इन संबंधों को और गहरा करने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की प्रयागराज यात्रा और लेटे हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत किया है। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच सद्भावना को बढ़ाएगी, बल्कि आने वाले समय में और अधिक सहयोग के नए अवसर भी प्रदान करेगी।