बॉलीवुड की दुनिया में फिल्मों का भाग्य पल भर में बदल सकता है। कभी कोई फिल्म रिलीज़ के समय फ्लॉप साबित होती है, तो कभी वही फिल्म सालों बाद आइकॉनिक बनकर वापसी करती है। ऐसा ही कुछ हुआ रोमांटिक ड्रामा "सनम तेरी कसम" के साथ, जिसने 9 साल बाद फिर से बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया और कमाई के नए रिकॉर्ड बना दिए।
2016 में जब
"सनम तेरी कसम" रिलीज़ हुई थी, तो इसे बॉक्स
ऑफिस पर खास सफलता
नहीं मिली थी। इस फिल्म में
हर्षवर्धन राणे और मावरा होकेन
की जोड़ी ने बेहतरीन परफॉर्मेंस
दी थी, लेकिन बड़े सितारों की कमी और
सीमित प्रमोशन के कारण फिल्म
को कम व्यूअरशिप मिली।
हालांकि, फिल्म की कहानी, इमोशनल
कनेक्ट, और म्यूजिक धीरे-धीरे लोगों के दिलों में
जगह बनाने लगा।
वर्षों
बाद, ओटीटी और सोशल मीडिया
के दौर में यह फिल्म एक
'कल्ट क्लासिक' बन गई। इसके
इमोशनल सीन, दिल को छू लेने
वाला संगीत, और लव स्टोरी
ने लाखों दर्शकों को प्रभावित किया।
खासतौर पर फिल्म का
टाइटल ट्रैक और "तुझे अपना बना लूं" गाना अब तक म्यूजिक
लवर्स की प्लेलिस्ट में
शामिल हैं।
9 साल
बाद, जब फिल्म को
फिर से बड़े पर्दे
पर रिलीज़ किया गया, तो दर्शकों ने
इसे जबरदस्त रिस्पॉन्स दिया। पुरानी यादों को ताज़ा करने
के लिए दर्शक थिएटर्स में उमड़ पड़े, और फिल्म ने
उम्मीद से कहीं ज्यादा
कलेक्शन कर लिया।
बॉक्स
ऑफिस रिपोर्ट के अनुसार:
पहले
ही वीकेंड में फिल्म ने 20 करोड़
रुपये का कलेक्शन किया।
एक
हफ्ते में फिल्म ने 50 करोड़
रुपये की कमाई कर
ली।
अब
तक की कुल कमाई 150 करोड़
रुपये को
पार कर चुकी है,
जो किसी भी री-रिलीज़
फिल्म के लिए शानदार
मानी जाती है।
फिल्म
की दोबारा सफलता का सबसे बड़ा
कारण सोशल मीडिया और ओटीटी पर
इसकी दीवानगी रही। ट्विटर , इंस्टाग्राम, और यूट्यूब पर
इस फिल्म के इमोशनल मोमेंट्स
और गाने ट्रेंड करने लगे। जिससे युवाओं के बीच यह
फिल्म फिर से चर्चा में
आ गई।
"सनम तेरी
कसम" की सफलता हमें
यह सिखाती है कि हार
हमेशा आखिरी नहीं होती।
एक
समय जो फिल्म असफल
मानी गई थी, वही
आज लाखों लोगों के दिलों में
बस चुकी है। यह साबित करता
है कि अच्छा कंटेंट
कभी मरता नहीं, उसे बस सही वक्त
और सही दर्शकों की जरूरत होती
है। मेहनत और लगन से
बनी चीज़ें भले ही तुरंत सफल
न हों, लेकिन उनका प्रभाव गहराई तक जाता है।
"सनम तेरी
कसम" का दोबारा हिट
होना सिर्फ एक फिल्म की
कहानी नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और समय के
बदलाव** का प्रतीक है।
यह कहानी हमें प्रेरित करती है कि कभी
भी हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि सही समय पर सफलता जरूर
मिलती है।