Pic credit -social media Written by -Priya Magarrati
Summary: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत दौरा खत्म हो गया है, लेकिन उनके इस दौरे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का दौर जारी है। भारत में, ट्रूडो को उनके विमान में तकनीकी खराबी के कारण दो दिन दिल्ली में फंसे रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, भारत सरकार ने भी ट्रूडो के साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं की, जिससे भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
ट्रूडो के आलोचक उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने में असफल होने का आरोप लगा रहे हैं। वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ट्रूडो भारत में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव के लिए जिम्मेदार हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत दौरा समाप्त हो गया है, लेकिन उनके इस दौरे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का दौर जारी है। भारत में, ट्रूडो को उनके विमान में तकनीकी खराबी के कारण दो दिन दिल्ली में फंसे रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, भारत सरकार ने भी ट्रूडो के साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं की, जिससे भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
ट्रूडो के आलोचक उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने में असफल होने का आरोप लगा रहे हैं। वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ट्रूडो भारत में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव के लिए जिम्मेदार हैं।
Key points: - ट्रूडो के विमान में तकनीकी खराबी के कारण वह दो दिन दिल्ली में फंसे रहे। -भारत सरकार ने ट्रूडो के साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं की। -ट्रूडो के आलोचक उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने में असफल होने का आरोप लगा रहे हैं। - वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ट्रूडो भारत में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव के लिए जिम्मेदार हैं।
ट्रूडो के विमान में तकनीकी खराबी: ट्रूडो का विमान 23 मई को दिल्ली पहुंचने वाला था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह उड़ान नहीं भर पाया। इसके कारण ट्रूडो को 24 और 25 मई को भी दिल्ली में रुकना पड़ा। इस घटना को लेकर ट्रूडो की आलोचना हुई कि उन्होंने भारत के लिए एक नई सरकारी विमान खरीदने के लिए पर्याप्त धन आवंटन नहीं किया।
भारत सरकार ने ट्रूडो के साथ कोई बैठक नहीं की: ट्रूडो ने भारत में अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं की। इससे भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
ट्रूडो के आलोचक: ट्रूडो के आलोचक उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने में असफल होने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रूडो ने भारत में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
ट्रूडो का बचाव: ट्रूडो ने इन आलोचनाओं का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उन्हें कई वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वे एक ही समय में सभी बैठकों में शामिल नहीं हो सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में रह रहे पाकिस्तानी मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष: जस्टिन ट्रूडो का भारत दौरा उनके लिए एक निराशाजनक अनुभव रहा है। इस दौरे से भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।