दिल्ली में 95 वर्षीय पुराने शिव परिवार का 'रूद्राभिषेक': एक आध्यात्मिक और सामाजिक अवसर

 

   Reporter By -Priya Magarrati                         सोमवार, 28 अगस्त 2023: दिल्ली के सुख, शांति, और समृद्धि के प्रतीक रूप में, सावन महीने के आठवें सोमवार को, दिल्ली की जनता ने 95 वर्षीय पुराने शिव परिवार का 'रूद्राभिषेक' किया। यह आध्यात्मिक और सामाजिक आयोजन दिल्ली के धार्मिक और सामाजिक आदर्शों की प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

यह विशेष आयोजन राम बाजार मंदिर क्लॉथ मार्केट, फतहपुरी, दिल्ली में सुबह 11:00 बजे आयोजित किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आजपा दिल्ली प्रदेश के पूर्व महापौर श्री योगेंद्र चंदोलिया जी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की आयोजक श्री गोपाल गर्ग जी ने आयोजन  किया।
आध्यात्मिक आयोजन के तहत, सावन महीने के हर सोमवार की भांति इस बार भी रूद्राभिषेक का आयोजन किया गया। इसमें गायत्री मंत्र के जाप के साथ-साथ विशेष पूजा और अर्चना की गई। इसके साथ ही, 4000 ब्यापारियों और कर्मचारियों को प्रसाद भी बांटा गया।
इस अवसर पर आयोजक श्री गोपाल गर्ग ने बताया कि यह आयोजन परंपरागत और धार्मिक महत्वपूर्णता रखता है, जो दिल्ली के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध करता है। उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि धार्मिक आयोजनों के माध्यम से हम समाज में एकता और सद्भावना की भावना को बढ़ावा देते हैं।

इस रूद्राभिषेक में श्री योगेन्द्र चंदोलिया जी प्रदेश भाजपा महामंत्री पूर्व महापौर एवम श्री सतनारायण गौतम उत्तर पश्चिम भाजपा जिला अध्यक्ष के कर कमलों से संपन्न हुआ इस अवसर पर नई दिल्ली जिला अध्यक्ष श्री राजीव राणा, युवा पार्षद श्री कमल बागड़ी, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री धर्म वीर शर्मा,श्री सुमन गुप्ता, पूर्व पार्षद श्री रवि कप्तान,श्री श्यामलाल मोरवाल, पूर्व नई दिल्ली जिला अध्यक्ष श्री प्रशांत शर्मा,वरिष्ठ भाजपा नेता श्री रघुवंश सिंघल पूर्व पार्षद, जिला कोषाध्यक्ष pt रामदेव,दिल्ली हिंदुस्तानी mercantile एसोसिएशन प्रधान श्री मुकेश सचदेवा,महामंत्री श्री भगवान बंसल, कूचा महाजनी ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन श्री योगेश सिंघल, नई सड़क व्यापार समिति अध्यक्ष श्री दीपक महेंद्रू एवम अन्य वरिष्ठ गणमान्य साथी क्लॉथ मार्केट के वरिष्ठ व्यापारी उपस्थित रहे।
इस 'रूद्राभिषेक' के माध्यम से, दिल्ली की जनता ने अपने आदर्शों को जीवन में अमल करने का संकल्प लिया, जिससे समाज में सद्गुण और आदर्शों की प्रसार प्राप्त हो सके। इस धार्मिक आयोजन ने न केवल आध्यात्मिकता को प्रोत्साहित किया बल्कि साथ ही समाज में एकता की भावना को भी मजबूती दी।







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