क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गोपाल गर्ग के नेतृत्व में 92 साल पुराने मंदिर में रुद्राभिषेक समारोह संपन

 

श्रावण मास के प्रथम सोमवार के दिन दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मंदिर में 1931 में स्थापित एक 92 वर्षीय पुराने मंदिर में शिव भगवान परिवार का रुद्राभिषेक करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली के दिल्ली क्लॉथ मार्केट ट्रस्ट कमिटी  द्वारा आयोजित किया गया।

लक्ष्मीनारायण मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें स्थित एक प्राचीन शिवलिंग को 93 वर्ष पूर्व स्थापित किया गया था। यह प्राचीन मंदिर  है और अपनी भव्यता और संतुलित वास्तुशास्त्र के लिए प्रसिद्ध है।
रुद्राभिषेक कार्यक्रम में क्लॉथ मार्केट के निवासियों, व्यापारियों और क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विशेष रूप से हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम आयोजक व क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गोपाल गर्ग जी और संरक्षक श्री रमेश कनोडिया जी के प्रयासों के बाद संभव हुआ। 

श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भगवान शिव की अराधना का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव व उनके परिवार के रुद्राभिषेक का आयोजन करने से श्रद्धालुओं को शिव का आशीर्वाद और आनंद प्राप्त होता है। इस कार्यक्रम में जलाभिषेक एवं भोले बाबा का प्रसाद भी वितरित किया गया।
इस पवित्र कार्यक्रम के माध्यम से लोग श्रावण मास के महत्व को समझने और इसकी महिमा का आनंद लेने का अवसर प्राप्त करेंगे। यह एक सामरिक और आध्यात्मिक उत्सव है जो लोगों को आदर्श जीवन के मार्ग पर चलने का प्रेरणा देता है। भगवान शिव की कृपा से सभी का भला हो और यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो हुवा।
क्लॉथ मार्केट के निवासियों, व्यापारियों, और क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की उपस्थिति से इस कार्यक्रम को और अधिक विशेषता मिली। इसके जरिए, लोगों को धार्मिकता, एकता, और सामरिक भावना का संदेश मिलता है।
श्री आदेश गुप्ता जी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, पिछले वर्षों से इस मंदिर में रुद्राभिषेक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का रूप में उपस्थित रहे। श्री आदेश गुप्ता जी सपत्नीक उपस्थित रहे।
इसके अलावा, क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गोपाल गर्ग जी  ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी संगठन क्षमता और समर्पण से यह कार्यक्रम सफल हुआ।
यह रुद्राभिषेक कार्यक्रम श्रावण मास की पहली सोमवार को आयोजित किया जाता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास में पड़ता है। श्रावण मास को भगवान शिव का मास माना जाता है और इस मास में उनकी आराधना विशेष ध्यान देकर की जाती है। इसका महत्व शिव भक्तों के लिए अत्यधिक होता है और इस मौके पर श्रद्धालुओं का भारी संख्या में आगमन होता है।
इस श्रावण मास के प्रथम सोमवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर मे रुद्राभिषेक का आयोजन करने से भगवान शिव की कृपा, संरक्षा, और आशीर्वाद प्राप्त होता है। जलाभिषेक द्वारा प्रतिष्ठित शिवलिंग को स्वच्छता और पवित्रता के साथ सज्जित किया जाता है। इसके बाद, श्रद्धालुओं को भगवान शिव का प्रसाद भी वितरित किया जाता है, जो भक्तों के द्वारा ग्रहण किया जाता है।
इस पवित्र कार्यक्रम के माध्यम से, लोग शिव भक्ति का आनंद लेते हैं और अपनी आध्यात्मिक यात्रा में आगे बढ़ते हैं। श्रावण मास की इस पवित्र अवसर पर भक्तों को ध्यान, श्रद्धा, और भक्ति के माध्यम से अपने जीवन को सकारात्मकता से भरने का मौका मिलता है।
रुद्राभिषेक कार्यक्रम के द्वारा यह भी प्रकट होता है कि दिल्ली क्लॉथ मार्केट के निवासी और व्यापारियों के बीच आपसी सद्भाव और एकता की भावना मजबूत है। यह कार्यक्रम लोगों को सामाजिक समरसता और सामूहिक उन्नति के माध्यम से जोड़ता है। यह एक अद्वितीय अवसर है जहां धर्म, सामाजिकता, और सामरिकता एक साथ मेल कर एक प्रगामी समाज के निर्माण का संकेत देते हैं।
इस रुद्राभिषेक कार्यक्रम के माध्यम से लोग शिव की महिमा को महसूस करते हैं और अपने जीवन में उनके गुणों को अपनाने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। यह एक सात्विक एवं प्रभावशाली अनुभव होता है जो मन, शरीर, और आत्मा को पुनर्जीवित करता है।


संक्षेप में कहें तो, इस मंदिर का इतिहास और अत्यंत प्राचीनता इसे और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। यह 92 वर्ष पहले स्थापित किया गया था और उस समय से ही भगवान शिव के परिवार की आराधना का केंद्र बना हुआ है। इसके प्राचीन संग्रहालय में अनेक पुरातात्विक और सांस्कृतिक आभूषण संग्रहित हैं, जो इसकी महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक महिमा को दर्शाते हैं।
श्रावण मास के प्रथम सोमवार का यह रुद्राभिषेक कार्यक्रम भगवान शिव के आदर्श और पवित्र जीवन की प्रेरणा देता है। यह हमें यह स्मरण कराता है कि हम सब एक हैं और हमें सदैव एकजुट होकर धर्म, सद्भाव, और प्रेम की बाध्यता में बने रहना चाहिए। 




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